सांप्रत समय में विज्ञापन में हिन्दी भाषा का अनुप्रयोग संक्षिप्त हिंदी यानि हमारी राजभाषा, जिसका महत्व साप्रंत समय मे कई विभिन्न क्षेत्रो मे हो रहा है। विज्ञापन के क्षेत्र मे हिंदी भाषा का व्यपक अनुप्रयोग हो रहा है, क्युकी यही एक ऐसी भाषा है जिसे हमारे देश मे हर जनसमूह समज सकता है। पर क्या यह विज्ञापन मे इस्तेमाल होने वाली हिंदी भाषा शुद्ध भाषा है? परिवर्तित समय के साथ हिंदी भाषा का महत्व भी परिवर्तित होता नजर आ रहा है। पहले की विज्ञापन और सांप्रत समय की विज्ञापन मे हिंदी भाषा के अनुप्रयोग मे विभिन्नता नजर आती है। विज्ञापन मे हिंदी के साथ कई सारी भाषाओ की मिलावट हो रही है पर हिंदी अभी भी सभी भाषाओं मे मध्यस्थ है ओर शायद रहेंगी भी। सांप्रत समय में विज्ञापन में हिन्दी भाषा का अनुप्रयोग राष्ट्रपति महात्मा गाँधी द्वारा 1917 में भरुच में सर्वप्रथम राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई थी। पर इस राष्ट्रभाषा का प्रचार प्रसार एवं विकास का इतिहास जो है वह संघर्ष और विरोध का इतिहास रहा है शायद ही कीसी भाषा के विकास मे इत...